आने वाली पीढ़ी को रूबरू कराने का प्रयास है छायाचित्रों में: जस्टिस


लखनऊ(सौम्य भारत)। अलीगंज स्थित कला स्त्रोत आर्ट गैलरी में शनिवार को छह दिवसीय प्रदर्शनी में अविरल सक्सेना द्वारा प्रदर्शित छाया चित्रों की प्रदर्शनी माटी के जादूगर का समापन इलाहाबाद उच्चन्यायालय के सीनियर जस्टिस आरएमएल मिश्र ने किया। इस

अवसर पर इलाहाबाद उच्चन्यायालय के सीनियर जस्टिस आरएमएल मिश्र ने कहा की अखाड़े और कुश्ती भारत के सभ्यता एवं संस्कृति की पहचान है। उन्होंने कहा कि पहलवानों के परिश्रम से भारत की आने वाली पीढ़ी को रूबरू कराने का प्रयास छायाचित्रों के माध्यम से कुशलता से अविरल सक्सेना ने किया है। वह वास्तव में अदभुत है। उन्होंने कहा कि पहलवानों के भावनात्मक पहलू एवं उनके रहन सहन को जिस कुशलता से दर्शाया है वह यतींद्र मिश्र की कविताओं से जीवंत हो गया है। इस अवसर पर रवि भट्ट, विनय अवस्थी, दुर्गेश मनी त्रिपाठी, अनुराग डिडवानिया, मानसी डिडवानिया मौजूद थे।