लेफ्टिनेंट कर्नल तारापोर को नहीं मिला उचित सम्मान : राज कुमार


परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल आर्देशीर बुर्जोर्जी तारापोर का मना 100वाँ जन्मोत्सव 

लखनऊ(सौम्य भारत)। महापुरुष स्मृति सामिति के तत्वावधान में शुक्रवार को जीपीओ पार्क में परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल आर्देशीर बुर्जोर्जी तारापोर का 100वाँ जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान लोगों ने उनकी फोटो पर माल्यार्पण किया।

 इस दौरान सुमंगलम प्रभा के अध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि देश का हर नागरिक किसी जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और सम्प्रदाय का नहीं, वह मात्र देशवासी होता है। इसी भावना के साथ 1965 का युद्ध पाकिस्तान के विरुद्ध लड़ा और जीते भी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दु:ख इस बात का है कि परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल आर्देशीर बुर्जोर्जी तारापोर को उनकी वीरता को उचित सम्मान नहीं दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय सैन्य के 43 टैंकों की टुकड़ी तारापोर की मदद के लिए पहुंचती इससे पहले ही उन्होंने दुश्मन के 60 टैंकों को नेस्तनाबूत कर दिया था। तारापोर आगे बढ़ते इससे पहले दुश्मन का एक गोला उनके ऊपर आकर गिरा और वह शहीद हो गए। अपने लीडर की मौत के बाद भी भारतीय जवानों ने दुश्मनों से जमकर लोहा लिया और अंतत: फिल्लौर पर भारतीय तिरंगा लहराया था। समिति के अध्यक्ष भारत सिंह ने बताया कि उनका जन्मदिवस एक दिन पहले 18 अगस्त को था लेकिन समिति द्वारा आज मनाया गया। उन्होंने कहा कि जैसे हम अब्दुल हमीद के बारे में अधिक जानते हैं, लेकिन तारापुर के बारे में नहीं जानते। भारतीयों को सिर्फ मध्य इतिहास पढ़ाया गया, हमारी मजबूरी है कि हम सिर्फ वही इतिहास जानते हैं जो पाठ्यक्रम में पढ़ाए गये। 1947 के बाद हमारे पूर्वज पुस्तकों से गायब हो गए। इस दौरान पुष्कर सिंह सनी, मानवेन्द्र सिंह, भास्कर सिंह, अनुरक्त सिंह, सनी प्रताप सिंह, अर्पिता सिन्हा, शैलेश श्रीवास्तव, अश्विनी त्रिवेदी, अभिषेक तिवारी, अभिषेक बाजपेयी, बृजनंदन, निशांत बाजपेयी व विक्रांत अवस्थी मौजूद थे