कॉन्फिडेंस के साथ बनाना होगा अपना टारगेट : पूर्व कुलपति नालंदा

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विकासनगर स्थित राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज में शनिवार को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर सेमिनार

- शिक्षिकाओं को किया गया सम्मानित

लखनऊ(सौम्य भारत)। छात्राओं को अपना कॉन्फिडेंस लेबल बढ़ाने की जरूरत है सिर्फ। यह बात नालंदा विश्वविद्यालय व पटना विश्वविद्यालय पटना के पूर्व कुलपति प्रो डाॅ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने गौतम बुद्धा ग्रामीण विकास फाउंडेशन व राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज संयुक्त तत्वावधान में विकासनगर स्थित राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज में शनिवार को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि कही। 

उन्होंने कहा कि कॉन्फिडेंस होना चाहिए कि हम यह काम हम कर सकते हैं। अगर हम खुद को कॉन्फिडेंस नहीं होगा तो हम कभी भी वह टारगेट पूरा नहीं कर सकते हैं, जिसे करना चाहते हैं। कोरोना काल में स्टैंडर्ड वन से पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई करने वाली 157 करोड़ युवा पीढ़ी घर में बैठ गया जिनमें 58 करोड़ भारतीय थे। ऐतिहासिक काल में इतना बड़ा हादसा कभी नहीं हुआ जब इस ग्रह के सबसे उर्जावान और रचनात्मक युवाशक्ति पूरी तरह अपने घर बैठ गया। आईआरएस जयराम वर्मा ने कहा कि यूपीएससी की परीक्षा को लेकर आज भी लोगों में काफी भ्रांतियां है कि इसमें सफल होना असंभव है, लेकिन सही मायने में ऐसा नहीं है। विद्यार्थियों में दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन हो तो कोई भी छात्र सफल हो सकता है। डॉ शिवशंकर यादव ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम साहब ने कहा था कि सपने वे नहीं होते जो सोते समय देखते हैं सपने वे होते हैं जो हमें सोने नहीं देते रात में। इस लिये आप लोग उस सपने को देखा है तो वह निश्चित रूप सफलता प्राप्त होती है। सभी को अपने पढ़ने के तरीके को बदलने की जरूरत है। अब तो आपके पास इंटरनेट है। तरीका बदलिये तरक्की जरूर होगी। कठिन परीक्षा में सफलता के लिये अभ्यर्थियों में शैक्षिक योग्यता के साथ अनुशासन और धैर्य होना अति आवश्यक है। संस्थान के निदेशक बिलास कुमार ने कहा कि सेमिनार का उद्देश्य छात्राओं को देश के इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारियों को लेकर जानकारी उपलब्ध कराना है। इस दौरान अतिथियों ने विद्यालय की सभी शिक्षिकाओं को शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्राचार्य कुसुम वर्मा ने किया।