पुरानी पेंशन बहाली के लिए राज्यकर्मियों ने राजधानी लखनऊ में भरी हुंकार

 




पुरानी पेंशन के लिए अटेवा की पदयात्रा में उमड़ा कर्मचारियों का जनसैलाब

- शिक्षक कर्मचारी संगठनों ने भरी हुंकार 


- 21 नवंबर को पेंशन शंखनाद रैली इको गार्डेन लखनऊ में होगी 

- पश्चिम बंगाल की भांति उत्तर प्रदेश में बहाल हो पुरानी पेंशन

लखनऊ(सौम्य भारत)। एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ अटेवा के पर शुक्रवार को प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एनपीएस व निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा के दौरान सैकड़ों संगठन के लोगों का जनसैलाब राजधानी में देखने को मिला।

इस दौरान बीएन सिंह की प्रतिमा पर माल्यर्पण करने जा रहे कर्मचारियों को पुलिस के बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इसके बाद कर्मचारियों का गुस्सा आसमान पर जा पहुंचा। इस दौरान पुलिस व कर्मचारियों में नोकझोंक की नौबत आ गई। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने कर्मचारियों को समझाबुझाकर कर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।

 इस दौरान तमाम शिक्षक कर्मचारी व अधिकारी संगठनों के लोगों में आक्रोश देखा गया कि यदि एमपी व एमएलए पुरानी पेंशन का हकदार है तो कर्मचारी क्यों नहीं हो सकता। उन्हें पेंशन देने से क्या सरकार को भार नहीं पड़ रहा है। 

गौरतलब है कि अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश लगातार कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है। कर्मचारियों ने पदयात्रा में अपने हाथों में तख्तियां लिए एनपीएस गो बैक, एनपीएस कम बैक, निजीकरण मुर्दाबाद, पुरानी पेंशन बहाल करो शिक्षक कर्मचारी एकता जिंदाबाद के नारे के साथ हुजूम का हुजूम जिला मुख्यालय पर पहुंचता रहा। इसके अलावा तमाम कर्मचारी संगठनों ने अटेवा के इस आवाहन का खुला समर्थन किया। अटेवा की इस पदयात्रा में मातृशक्तियां काफी सक्रिय रही और पदयात्रा की अगवानी करते हुए आगे कदम बढ़ाती रही। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने हुंकार भरते हुए प्रदेश सरकार को आगाह किया कि पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय ले नहीं तो आगामी चुनाव में इसका भुगतान सरकार को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पुरानी पेंशन दे सकता है तो तबले सरकार क्यों नहीं दे सकता है कर्मचारियों को पेंशन।  बन्धु ने कहा कि जहां एनपीएस से शिक्षकों कर्मचारियों का भविष्य खराब हो रहा है। वहीं निजीकरण से वर्तमान चौपट हो रहा है। इसीलिए उन्होंने सभी का आह्वान किया इस लड़ाई में सभी को विभागों से ऊपर उठकर लड़ना होगा। इसकी पहल शिक्षक कर्मचारी संगठनों ने कर दी है। उन्होंने कहा कि 21 नवंबर की इको गार्डन लखनऊ की रैली आज की भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी ऐतिहासिक रैली होने जा रही है । पदयात्रा शहीद स्मारक गांधी भवन के पास दोपहर से ही शिक्षकों कर्मचारियों का जुटने शुरू हो गए। शहीद स्मारक से पदयात्रा शुरू किये परिवहन ऑफिस होते हुए स्वास्थ्य निदेशालय, परिवर्तन चौक होते हुए बीएन सिंह की मूर्ति पर जाकर के सभी इकट्ठा हुए। इस दौरान चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि अटेवा की लड़ाई न्याय व अधिकार की लड़ाई है। पीडब्ल्यूडी विभाग के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भारत सिंह यादव ने कहा कि वक्त आ गया है कि पुरानी पेंशन को लेकर के आर पार की लड़ाई लड़नी होगी और उसकी पृष्ठभूमि अटेवा ने तैयार कर दी है। लुअक्टा के अध्यक्ष मनोज पांडे ने कहा कि यह सरकार तानाशाही पर उतर कर रोज सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंपती जा रही है। इससे रोजगार का संकट और बढ़ेगा। चतुर्थ कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि नेता 4-4 पेंशन लेते है कर्मचारियों को क्यों नहीं। वरिष्ठ कर्मचारी नेता रामेद्र श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार लगातार शिक्षकों कर्मचारियों के अधिकारों का हनन कर रही है जो ठीक नहीं है। श्रम एवं सेवायोजन कर्मचारी संघ के अमित यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी शिक्षक का अधिकार है पुरानी पेंशन,जिसे सरकार को तुरंत बहाल करनी चाहिये। अटेवा के महामंत्री डॉ नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी का स्वाभिमान है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ राजेश कुमार ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल राज्य अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे सकता है तो उप्र क्यों नहीं दे सकता। वाणिज्य कर मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के महामंत्री जेपी मौर्य ने कहा कि निजीकरण से आम आदमी का नुकसान हो रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महासंघ, लैब टेक्नीशियन संघ, राजकीय ऑप्टोमेट्रिस्ट संघ, मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ,डिप्लोमा फॉर्मासिस्ट संघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, लेखपाल संघ, राजकीय नर्सेज संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, जल संस्थान कर्मचारी महासंघ, सिंचाई विभाग, नगर निगम,राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पीजीआई लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, वाणिज्य कर समेत कर्मचारियों व पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने व निजीकरण समाप्त करने की मांग की। पदयात्रा में सुनील यादव, कमल किशोर श्रीवास्तव, सुरेश यादव, विक्रमादित्य मौर्य, रजत प्रकाश, डॉ विनीत वर्मा, डॉ राजेन्द्र वर्मा, शैलेन्द्र रावत, रविन्द्र वर्मा, सुनील वर्मा, डॉ उमाशंकर, अर्जुन यादव, दूधनाथ, नरेंद्र यादव, हेमंत सिंह, संदीप बडोला, श्रवण सचान, जेपी तिवारी, राम लाल यादव, प्रदीप  गंगवार, सीमा शुक्ल, यदुनंदिनी सिंह, सुरेंद्र पाल, संजय रावत, डॉ दिवाकर यादव, भूपेंद्र सिंह, विवेक यादव व रेनू शुक्ला मौजूद थीं।