लखनऊ(सौम्य भारत)। यमुना एक्सप्रेसवे बस हादसे की न्यायिक जांच व मुआवजा देने की मांग को लेकर युवा शक्ति संगठन के कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 8 जुलाई 2019 को लखनऊ से दिल्ली जा रही उत्तर प्रदेश परिवहन की जनरथ बस UP33-AT-5877 यमुना एक्सप्रेस वे पर गुजरते समय आगरा के समीप झरना नाले में दुर्घटना का शिकार हो गई थी,जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई और 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस दुर्घटना में बड़े पैमाने पर जानमाल की क्षति हुई थी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 5 लाख रुपए अलग से हादसे में मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में देने की घोषणा की। इसके बावजूद आज दुर्घटना के 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी घोषणा ही रह गई। न तो पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिला और न ही इस हादसे के जिम्मेदार परिवहन विभाग के अधिकारियों पर कोई कार्यवाही हुई है। वहीं इस घटना के चश्मदीद और हादसे में घायल संगठन संयोजक गौरव सिंह ने कहा कि हादसे में लीपापोती कर सारा दोष बस ड्राइवर पर लगाया जा रहा है ताकि हादसे के जिम्मेदार लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवजा व इस मामले की न्यायिक जांच हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में कराने की मांग की। प्रदर्शन में पीड़ित परिवारों से अंशुमान अवस्थी, राजेश दुबे, मनीष सिंह, मनीष गुप्ता, सूरज, गौरव सिंह, सरफराज , अमित श्रीवास्तव, जयप्रकाश, प्रशांत चौबे, शिवम व नवनीत मौजूद थे।