आर्थिक विकास करने का सहकारिता एकमात्र साधन

 प्रथक मंत्रालय गठन से सहकारिता आंदोलन को मिलेगी मजबूती

- सहकार भारती के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्र सरकार का जताया आभार

- राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियां के निमित्त लखनऊ में।हैं राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर

लखनऊ(सौम्य भारत)। सहकारिता को कृषि मंत्रालय से अलग किये जाने की मांग को स्वीकार करने एवं पृथक सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने पर सहकार भारती के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हर्ष व्यक्त किया है। सरकार भारती के शीर्ष नेतृत्व ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। लखनऊ प्रवास पर आये सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में इसकी चर्चा करते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने दिसंबर में लखनऊ में होने वाले संगठन के राष्ट्रीय अधिवेशन के बारे में भी जानकारी दी। सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री एवं एनसीडीसी निदेशक डॉ. उदय जोशी तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी दीनानाथ ठाकुर बुधवार को लखनऊ प्रवास पर थे। सुबह उन्होंने राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर प्रदेश कार्यकारिणी के साथ मंथन बैठक की। इसके बाद अपराह्न विश्व संवाद केंद्र, जियामऊ में आयोजित पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने कहा कि सहकार भारती सहकारिता क्षेत्र के समग्र विकास हेतु केंद्र में स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय की मांग पिछले काफी लंबे समय से कर रही थी। इस चिर प्रतीक्षित मांग को पूरा करने के लिए सहकार भारतीय अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक अभिनंदन करती है। उन्होंने बताया कि विगत 27 व 28 फरवरी 2021 को दिल्ली में सम्पन्न सहकार भारती की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्र में पृथक सहकारिता मंत्रालय के गठन करने की माँग के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था। सहकार भारती का यह मानना रहा है कि समाज का स्थाई विकास करने की सर्वाधिक क्षमता सहकारिता क्षेत्र में ही है। समाज के दलित शोषित असमर्थ निर्धन दुर्बल समाज घटकों का स्थाई आर्थिक विकास करने का सहकारिता एकमात्र साधन है। सहकारिता इन वर्गों के विकास का अलग प्रकार के स्वामित्व वाला मॉडल है। संविधान में 97वें संशोधन द्वारा सहकारिता क्षेत्र में संस्था गठन करने का मौलिक अधिकार प्राप्त हुआ है। इससे सभी क्षेत्रों में सहकारिता के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर ने कहा कि सहकारिता से समृद्धि की ओर यह केंद्र सरकार की सोच और दृष्टि का सहकार भारती खुले दिल से स्वागत करती है सहकार भारती का पूर्ण विश्वास है कि सहकारिता के लिए स्वतंत्र मंत्रालय गठित होने से सहकारिता क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान होगा और सहकारिता क्षेत्र देश में और अधिक समृद्ध होगा। राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी व उपाध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर ने बताया कि सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन  प्रत्येक तीन वर्ष में आयोजित होता है। पिछले अधिवेशन में वर्ष 2021 का आयोजन उत्तर प्रदेश में होना तय किया गया था। यह अधिवेशन में दिसंबर में लखनऊ में होना है। कोविड-19 आपदा के दृष्टिगत अधिवेशन का आयोजन अत्यंत सुरक्षा व सावधानी के साथ होगा इसमें संख्या कम रखी जाएगी  कोशिश की जाएगी कि संख्या अधिक न हो, इसके लिए प्रत्येक जिले से चार-पाँच प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हों। इसके अलावा अन्य कार्यकर्ताओं को आधिकारिक रूप से डिजिटली जुड़े जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से सहकार भारती उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रमाशंकर जायसवाल, प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन, क्षेत्रीय संगठन मंत्री उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड लक्ष्मण पात्र, प्रदेश संगठन प्रमुख राजदत्त पाण्डेय, सह संगठन प्रमुख गजेन्द्र अवस्थी, प्रदेश प्रचार प्रमुख सचिन शुक्ला, लखनऊ विभाग संयोजक हीरेंद्र कुमार मिश्रा, जिला सहकारी बैंक बुलंदशहर के चेयरमैन अनिल शर्मा, अरविन्द मिश्र व


विवेक राय उपस्थित थे।।