डॉ अमरीष की पुस्तक में बचपन की स्मृतियों का खिंचा है चित्र: जलशक्ति मंत्री

-  कविता जीकर देखो पुस्तक का विमोचन

लखनऊ(सौम्य भारत)  जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने शनिवार को सहकारिता भवन में कविता जीकर देखो पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि डॉ अमरीष की पुस्तक में कवि ने हमारे बचपन और अतीत की स्मृतियों का चित्र इस प्रकार खींचा है, जैसे हम उन्हें उन क्षणों को जीने लगते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप्र भाषा संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ कन्हैया सिंह ने कहा की कविता के लिए केवल एक संवेदनशील ह्रदय होना चाहिए, जो हर वस्तु के भीतर झांक कर देखें कि इसमें कितना कामिक और ट्रैजिक है। डॉ शकुंतला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राणा कृष्णपाल सिंह ने कहा कि कवि विभिन्न विचारधाराओं से परे जाकर स्वयं को तटस्थ रखते हुए वह अपना काव्य संसार रचता है। इस मौके पर नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति के विशेष सचिव राजेश पांडे ने कहा कि पुस्तक सच में हम सबको अपने अपने अतीत की ओर और बालपन से साक्षात्कार करवाने में सफल होती हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि एक अधिकारी जब काव्य सृजन करता है, तो समाज को समय पर निर्देश भी मिलता हैं। विश्व संवाद केंद्र के प्रमुख अशोक कुमार सिन्हा ने इस पुस्तक की तुलना राग दरबारी के लेखक श्रीलाल शुक्ल चुकी है। उन्होंने कहा कि जब सरकारी सेवा में रहते हुए कोई रचनाकार का सृजन करता है तो उसके भाव को समाज में काफी गंभीरता से लिया जाता है। इस मौके पर आचार्य पंडित चंद्र भूषण ओझा, अभिनव आनंद, राजेश कुमार वर्मा, सीमा गुप्ता, शशि सिंह, ममता सिंह, विवेक कुमार, रवि सिंह, आकाश वर्मा, अश्विनी कुमार वर्मा व अनिल राठौर मौजूद थे।