किसान सत्ता में बैठा सकता है तो उंखाडकर फेंक भी सकता है: रामपाल यादव

 लखनऊ( सौम्य भारत)।  सीतापुर बिसवां के पूर्व विधायक समाजवादी पार्टी रामपाल यादव ने कहा कि आज राज्य और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद किसान बदहाल है जबकि प्रधानमंत्री मोदी किसानों से उनकी आय दोगुनी करने का वादा करके सत्ता में आए थे। आय दोगुनी तो नहीं हुई, लेकिन जो आय हो रही थी वह बंद कर दी गई। ऐसी स्थिति में सिर्फ इतना ही कहना है मोदी व योगी को कि उन्हें यह याद रखना चाहिए कि यदि किसान आपको सत्ता में बैठा सकता है तो उंखाडकर फेंक भी सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ न्याय नहीं कर सकते तो आपको सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।

यदि किसान अपने खेतों में पराली जलाए तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय सैटेलाइट द्वारा नजर रखता है और किसानों पर मुकदमा लिखा जाता है तथा जुर्माना वसूला जाता है, परन्तु धान तौल के लिए किसान सरकारी मण्डियों में 15 से 25 दिनों तक कपकपाती ठंड में खड़ा रहता है तो क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सैटेलाइटो बंद हो गए हैं या दिखाई नहीं पड़ता, निक्मी सरकार को मण्डियों में ट्रैक्टर ट्रॉली की लाइने नही दिखाई देती। न तो किसानों को ट्रैक्टर का हर्जाना मिलता है न ही ड्राइवर की मजदूरी मिलती है ऊपर से जाड़े में ठिठुरता है अलग से। धान तौल समय से न होने के कारण किसानों की ट्रालियां मंडियों में फसी रहती है जिससे गन्ना की पर्चियां खराब हो रही है। सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने की बात कहती है जबकि सच्चाई यह कि दिन प्रतिदिन किसानों की आय कम होती जा रही तथा उनका शोषण सरकार के भ्रष्ट अधिकारी और नेता कर रहे हैं।आज देश का अन्नदाता भुखमरी की कगार पर आ गया है। ऐसे में रामधारी सिंह दिनकर जी की लाइनें याद आती हैं। स्वानों को मिलता दूध भात, भूखे किसान फांसी लगाते हैं, बिन कम्मल बिन रजाई के मंडी और खेतों में रात बिताते हैं।