अटेवा प्रत्याशी राजीव यादव ने राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की उड़ाई नींद

 लखनऊ( सौम्य भारत)। फैजाबाद- गोरखपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में इस बार कांटे की टक्कर देखी जा रही है। टक्कर देने वाला किसी राजनीतिक दल का प्रत्याशी नहीं बल्कि कर्मचारियों शिक्षकों के पुरानी पेंशन बहाली के लिए लड़ने वाले संगठन ऑल टीचर्स एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के प्रत्याशी राजीव यादव हैं।गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस बार विधान परिषद के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर चुप्पी साधी हुईं हैं। क्योंकि जब राजनीतिक दल इन मुद्दों की बात करते हैं तो इन से सीधे शिक्षक एक ही सवाल करते हैं कि जब आप की पार्टी सत्ता में रहती है तो इन मुद्दों पर ध्यान क्यों नहीं देती? पुरानी पेंशन बहाल क्यों नहीं करती? राजनीतिक दल के नेता इन प्रश्नों पर निरुत्तर हो जाते हैं शिक्षकों कर्मचारियों को अपने मुद्दों से ध्यान भटका देना चाहते हैं। हद तो तब हो जाती है जब सत्ताधारी दल के एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भी फैजाबाद गोरखपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से ताल ठोक रहे हैं, जो पुरानी पेंशन के मुद्दे पर कहते हैं कि वह जीतने पर यह मुद्दा उठाएंगे। अब प्रश्न उठता है कि  सत्ता दल के  अन्य विधायक पुरानी पेंशन बहाली की बात क्यों नहीं करते ? क्या किसी ने  इन मुद्दों को  सदन में उठाने से उन्हें किसी ने रोका है ? या फिर  शिक्षक एमएलसी बनने पर ही  मुद्दा उठेगा। शिक्षकों के ऐसे प्रश्न पर  नेता बगले झांकने लगते हैं। शिक्षक मतदाताओं ने  अबकी बार ऐसे दलों को सबक सिखाने  की ठानी है। मतदाता ऐसे प्रत्याशी को  चुनना के लिए संकल्पित हैं जो  शिक्षकों के मुद्दे पर लगातार संघर्ष कर रहे हो, उनके हक की आवाज बुलंद कर रहे हो। राजीव यादव ऐसे मतदाता शिक्षकों के इस मापदंड में सबसे उपयुक्त  नजर आते हैं । हालांकि वर्तमान समय में शिक्षक एमएलसी चुनाव का प्रचार जोरों पर है सभी प्रत्याशी जीत के लिए अपना गुणा गणित लगाने में लगे हुए हैं, लेकिन अटेवा के चुनाव मैदान में आने से राजनीतिक दलों और वर्तमान शिक्षक विधायक की स्थिति और खराब हो गयी है। अटेवा  शिक्षकों के मुद्दे पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मुद्दे की पुरजोर समर्थन कर रही है। अटेवा कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए सड़कों पर लगातार संघर्ष कर रहा है तथा युवाओं के लिये रोजगार की मांग का समर्थन कर रहा है। इसके साथही निजीकरण के विरोध में देशव्यापी आंदोलन भी चला रहा है। ऐसी स्थिति में इन मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहे गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक एमएलसी निर्वाचन क्षेत्र से अटेवा के शिक्षक एमएलसी प्रत्याशी राजीव यादव मजबूत स्थिति में है। प्रत्याशी राजीव यादव सेवारत हैं अधिकतर या अन्य प्रत्याशी रिटायर्ड हैं, सेवा में नही हैं। मतदाताओं का कहना है कि जो प्रत्याशी सेवा में नहीं है यानी वह शिक्षक नहीं है रिटायर्ड है वह हम सेवारत शिक्षकों की समस्याओं को कैसे उठाएगा ?  कार्यरत शिक्षक की समस्या कार्यरत ही उठा सकता है। वर्तमान चुनाव सेवारत बनाम रिटायर्ड बनता चला जा रहा है। वर्तमान में जो शिक्षक एमएलसी हैं उन्होंने समस्याओं को दूर करने का प्रयास भी नहीं किया है। ऐसे में उनको क्यों चुने ?सबके पास एक ही विकल्प है कि हम सब राजीव यादव को सदन में चुन कर भेजें जो  पुरानी पेंशन  बहाली समेत सभी मुद्दों को दमदारी से उठाएंगे। राजीव यादव संघर्ष की प्रयोगशाला में टेस्टेड हैं हम सब ने उनका संघर्ष सड़कों पर देखा है।