मुख्य सचिव के आश्वासन पर भूत पूर्व सैनिकों का आंदोलन खत्म

लखनऊ(सौम्य भारत)। नियुक्त की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दर्जनों भूतपूर्व सैनिक जवाहर भवन से यात्रा निकाल कर मुख्यमंत्री आवास जा रहे थे, जिसे पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान पुलिस व पूर्व सैनिकों में नोकझोंक होने लगी। इसके बाद प्रशासन ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव व भूतपूर्व सैनिकों की वार्ता हुई, जिसमें एक महीने के अंदर सब कार्य पूर्ण करने का आश्वासन दिया। इसके बाद पूर्व सैनिकों का कार्यक्रम निरस्त किया गया। भूतपूर्व सैनिक प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ग्राम विकास अधिकारी के पद पर 2018 में 52 भूतपूर्व सैनिकों का चयन किया गया था। उन्होंने बताया कि विभागीय त्रुटि के कारण उन्हें तैनाती नहीं दी जा सकी है। दूसरी ओर इस संदर्भ में उच्च न्यायालय ने 13 नवंबर 2019 को भूतपूर्व सैनिकों के पक्ष में आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार को 2 महीने में तैनाती देने का आदेश दिया गया था। दस माह बीत जाने के बाद भी 52 भूतपूर्व सैनिकों को तैनाती नहीं दी जा सकी है। इसके विरोध में बीते 24 सितम्बर को जवाहर भवन के 10वें तल पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। वहीं दुर्गेश यादव ने बताया कि वे तोपखाना रेजिमेंट से हैं शौर्य और पराक्रम के साथ कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए उन्होंने अपने पैर गवा दिए हैं। इसलिए वर्ष 2017 में सेना से सेवानिवृत्त कर दिए गए हैं।