दलित बच्ची के साथ बलात्कार व जघन्य हत्या के विरोध में महिला संगठनों का प्रदर्शन, गिरफ्तार

लखनऊ(सौम्य भारत)। बच्ची के साथ बलात्कार और जघन्य हत्या को लेकर आम आदमी पार्टी की सभी इकाइयों ने पार्टी की महिला विंग के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हाथरस कांड को लेकर  प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल प्रयोग किया और धक्का-मुक्की के बाद गिरफ्तार कर सभी कार्यकर्ताओं को पुलिस इको गार्डन भेजा। आप महिला बिंग की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया था, लेकिन यह भाजपा की सरकार बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ में लगी है। पूरे प्रदेश में अपराध की बाढ़ आ गई है। बहू बेटी सुरक्षित नहीं रही। हाथरस में मां और भाई के साथ घास लाने गई दलित बच्ची के साथ गांव के ही दबंगों ने बलात्कार किया। दलित बच्ची किसी को कुछ बता न सके इसके लिए उसकी जीभ काट दी और रीढ़ तथा गले की हड्डी तोड़, मरणासन्न कर दिया। प्रदर्शन में प्रदेश उपाध्यक्ष इरम शवरेज रिजवी, महासचिव इलाहाबाद जनपद सान्या मिर्जा, इरम एहख,अभिलाषा कौशल, प्रदेश सचिव विनय पटेल, पंकज यादव, युवराज, मुकेश यादव, अर्जुन गुप्ता, अजय गुप्ता, रामचंद्र,अनीश, सर्वेश यादव,किश्वर जहां, ललित बाल्मीकि, रुही, शाहबाज खान व अंजू सिंह मौजूद थीं। वहीं हजरतगंज में एडवा की नेता मधु गर्ग के नेतृत्व में महिला संगठनों व नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने हाथरस में दलित युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद हुई दर्दनाक मौत के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर इको गार्डेन भेज दिया। मधु गर्ग ने कहा कि 14 सितंबर को हाथरस के गांव चंदापा से दलित युवती को खेत से उठा लिया गया जब वह चारा काटने गई थी , पीड़िता की मां को वह खेत में निवस्त्र और बुरी तरह घायल अवस्था में मिली। इस विरोध प्रर्दशन में प्रतिनिधियों ने कहा कि इस बर्बर घटना में पुलिस की भूमिका हमेशा की तरह ही बहुत संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि पीड़िता का रात के अंधकार में उसका अंतिम संस्कार कर देना दर्शाता है कि उप्र पुलिस कितने राजनैतिक दबाव में काम करती है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि उप्र महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हिंसा में पूरे देश में सबसे आगे है किन्तु योगी सरकार प्रदेश को अपराधियों से मुक्त करने का दावा करती है । प्रदेश के मुख्यमंत्री चौराहों पर यौन हिंसा करने वालों के पोस्टर लगाने जैसे गैरकानूनी कदमों का ऐलान करते हैं व छेड़छाड़ रोकने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन करते हैं जो केवल हवा हवाई है। कानूनों को सख्ती से लागू करना और अपराधियों को किसी भी प्रकार का राजनैतिक संरक्षण न दे कर कानून व्यवस्था चाक-चौबंद हो सकती है, लेकिन उप्र में अपराधियों की जाति धर्म व उनके राजनैतिक दल को देखकर ही कानूनी कार्रवाई तय की जाती है जो बेहद शर्मनाक है। इस दौरान प्रतिनिधियों में एडवा की मधु गर्ग , रूपरेखा वर्मा , नाइश हसन , वीना , नंदिनी , मीना सिंह , भारतीय महिला फेडेरेशन, साझी दुनिया, एपवा व हमसफ़र सहित नागरिक समाज के लोग शामिल थे।