प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था के खिलाफ सीपीआईएम का प्रदर्शन

लखनऊ सौम्य भारत। प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, कोविड-19 वायरस से निपटने में सरकार की विफलता, प्रदेश में जनवादी अधिकारों और जनतंत्र को कुचले जाने के विरोध, महामारी लाकडाउन से बेहाल जनता को फौरी राहत देने, बिजली बिल माफ करने सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को सीपीआई (एम) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इसके बाद राष्ट्रपति व राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन दिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि भाजपा की योगी सरकार में प्रदेश में बेतहाशा बढ़ते जघन्य अपराधों, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की घटनायें, गरीबों एवं कमजोर तबकों पर दबंगों का बढ़ता उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए मजबूर उत्पीड़ित लोग कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने के सबूत हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था पर से योगी सरकार नियंत्रण खो चुकी है औए ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। कोरोना महामारी का आतंक और दहशत बढ़ती जा रही है। सरकार इसके सामने पराजित हो रही है। संक्रमण बढ़ रहा है और लोग बेमौत मारी जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड की कमी, डाक्टरों, नर्सों की असुरक्षा दूसरी गंभीर बीमारियों से मरते लोग सरकार की घोषणाओं को खोखला साबित कर रही हैं । इस मौके पर माकपा प्रदेश सचिव डा हीरालाल यादव, फूलचंद यादव, राधेश्याम मौर्य, सुधाकर यादव, जुबैर अहमद कुरैशी, बाबर, प्रेमनाथ राय, जनवादी महिला समिति नेता मधु गर्ग, रमेश सिंह सेंगर, एटक के महेन्द्र राय मौजूद थे।