गरम पानी व काढ़े के प्रयोग से गले से ही कोरोना को करें समाप्त : डॉ आरके धीमान

नारियल पानी नींबू बेल तरबूज़ सहजन ब्रोकोली आदि का सेवन अत्यन्त उपयोगी - नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला पीजी कालेज के गृह विज्ञान विभाग के तत्वावधान में आयोजित वेबिनार लखनऊ(सौम्य भारत)। करोना की दवा व वैक्सीन नहीं बनी है, लिहाज़ा हमारी सावधानी हमको इस महामारी से किसी हद तक बचा सकती है। यह बात शुक्रवार को संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ आरके धीमान ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला पीजी कालेज के गृह विज्ञान विभाग के तत्वावधान में आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने बताया कि लोगों को नियमित शारीरिक श्रम तथा घरेलू काढ़े का निरन्तर उपयोग अत्यन्त लाभ दायक पाया गया है।अनावश्यक घर के बाहर बिल्कुल न निकले और मास्क को अपने जीवन का अंग बनाना होगा। निदेशक ने कहा कि हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना होगा तथा बीमारी के प्रति सचेत रहना ही होगा। उन्होंने कहा कि बीमारी से डरना नहीं है, बल्कि बचना है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सन्तुलित खाना की जरुरत है। न तो अधिक खाकर मोटापा बढ़ाना है और न कम खाकर इम्मूनिटी कम करने की आवश्यकता है। डा धीमान ने कहा कि शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि कोविड़ की तीन स्टेज होती है। सबसे पहले गला संक्रमित होता है, फिर फेफड़े और उसके बाद मल्टी ओरगन। इसलिये गरम पानी और काढ़े के प्रयोग से इसको गले से ही समाप्त किया जा सकता है। भीमराव अम्बेडकर विवि की प्रो सुनीता मिश्रा ने बीमारी जाने में अभी समय लगेगा हमें अपनी फ़ूड हैबिट में बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि नारियल पानी नींबू बेल तरबूज़ सहजन ब्रोकोली आदि का सेवन अत्यन्त उपयोगी होगा। इसके अलावा हमको तनाव मुक्त रहना चाहिये। संजय गाँधी पीजी आई की वरिष्ठ चिकित्सक नेफरोलोजि विभाग की प्रो अनीता सक्सेना ने विशेष रूप से किडनी रोगियों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए।शरीर में मिनरल्स की कमी नहीं होनी चाहिये। यदि ऐसे रोगियों को कोविड हो जाता है तो भी अपनी दवाएँ खाते रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि अगर आपातकाल में डाईलिसीस न हो सके तो प्रोटीन फ़्री खाना लेना चाहिये। प्रो सुचित स्वरूप ने गरम पानी को सर्वोत्तम औषधि बताया। इस मौक़े पर संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रो राजीव पांडेय, वेबिनार की समन्वयक डाक्टर रश्मि बिश्नोई, महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी, आयोजक सचिव डा शिवानी श्रीवास्तव, डा भास्कर शर्मा के अलावा गोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों से शोधार्थियों विद्यार्थियों शिक्षकों आदि ने भाग लिया।