मजदूरों के पास खाने की व्यवस्था नहीं, ऐसे में सरकार खोल दी शराब की दुकान: ऐपवा संयोजिका

महिला हिंसा रोकने व शराब की दुकानें बंद कराने की मांग
लखनऊ(सौम्य भारत)। महिला हिंसा पर रोक व शराब की दुकानें बंद कराने सहित अन्य मांगों को लेकर ऐपवा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि शराब नहीं रोजगार चाहिए।
इस दौरान ऐपवा की संयोजिका मीना सिंह ने कहा है कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, पर हमारे देश में यह प्राकृतिक आपदा के साथ साथ मानव निर्मित आपदा है। उन्होंने कहा कि एक ओर मजदूर बेरोजगार हैं, उनके पास खाने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सरकार ने शराब की दुकान खोल दिया। इससे गरीब, मजदूर परिवारों के अंदर तनाव बढ़ गया है। महिला हिंसा की घटनाएं लॉकडाउन में बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में जिस दिन शराब की दुकान खोली गई उसी दिन एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। क्योकि उसने अपने गहने देने से मना कर दिया था। उन्होंने बताया कि यह तो एक उदाहरण है। इस तरह की घटनाएं पूरे देश मे घट रही है। सरकार से मांग है कि शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद की जाय।