जब तक एक सिलेबस नहीं होगा तब तक देश को शिक्षित नहीं कर सकते: न्यायमूर्ति नकवी

- शिक्षा सबका समान अधिकार के लिए कड़े नियम बनाये सरकार : न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह
लखनऊ(सौम्य भारत)। सामाजिक चेतना फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर निशुल्क समान शिक्षा हर भारतीय का मौलिक अधिकार विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में न्यायपालिका, शिक्षा व चिकित्सा जगत समेत विभिन्न समाजसेवा से जुड़े गणमान्यों ने भाग लिया। गोष्ठी की अध्यक्षता जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने की। गोष्ठी में नई दिल्ली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल जयहिंद ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में जो आमूल चूल परिवर्तन किए गए हैं, उन्हें पूरे देश मे लागू किया जाए। शिक्षको से पढ़ाने के अलावा कोई अन्य कार्य न लिया जाए उन्हें हावर्ड जैसी विश्व स्तरीय संस्थाओं से ट्रेनिंग दिलाई जाए। दिलशान अहमद ने कहा कि शिक्षा गरीब से गरीब व्यक्ति तक कैसे पहुंचे इसके लिए सरकार को देश में एक समान शिक्षा नीति लागू करनी चाहिए। केजीएमयू के प्रो बी सुरेश ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह बाजारीकरण बढ़ा है उससे गरीब वर्ग को उच्च शिक्षा हासिल करना अत्यंत दुर्लभ हो गया है शिक्षा में बाजारीकरण ना हो। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा हर गरीब से गरीब को हासिल हो सके इसके लिए उच्च शिक्षा को निशुल्क किया जाए और शिक्षा में समानता के अधिकार को सरकार के द्वारा हर हाल में लागू किया जाना चाहिए तथा शिक्षा के बाजारीकरण को पूर्णता बंद करना चाहिए। वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ राजेन्द्र कुमार वर्मा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मानव मस्तिष्क में नए विचारों को उत्पन्न करने की छमता विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा आज विश्वविद्यालयों में शिक्षा का स्तर जिस तरीके से गिरा हुआ है, जिसका कारण शिक्षा का बाजारीकरण है। आज जगह-जगह प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस कॉलेज शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के बजाय गिरा रहे हैं सरकार को शिक्षा के बाजारीकरण पर तत्काल रोक लगानी चाहिए तथा विश्वविद्यालयों में शोध कार्य को बढ़ावा देना चाहिए। अवकाश प्राप्त न्यायाधीश बीडी नकवी ने कहा कि जब तक देश में एक सिलेबस नहीं होगा हम अपने देश को समान रूप से शिक्षित नहीं कर सकते। गोष्ठी की अध्यक्षता न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा सबका समान अधिकार है इसके लिए सरकार को कड़े नियम बनाकर देश में एक समान शिक्षा को लागू करने के लिए संकल्पित होना चाहिए। इसके अलावा गरीब से गरीब को शिक्षा मिल सके। गोष्टी में लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉ राजेश कुमार,संजय समर्थ व सामाजिक चेतना फाउण्डेशन के अध्यक्ष महेंद्र कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए।