जानकीपुरम में अब भूखे नहीं सोयेंगे गरीब: वीपी सिंह

लखनऊ(सौम्य भारत)। कोरोना संकट से निपटने के लिए हुए लॉक डाउन ने दिहाड़ी मजदूरों, रेहड़ी दुकानदारों की रोजी रोटी छीन ली है। उनके सामने उत्पन्न भोजन की समस्या के समाधान के लिए राजधानी के तमाम समाजसेवी संगठन आए हैं। जिला प्रशासन की अपील के बाद लाकडाउन के दसवें दिन पूर्व राजस्व अधिकारी व जानकीपुरम यूनाइटेड सिटी कालोनी के अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को रमपुरवा गांव में 350 से अधिक दिहाड़ी मजदूरों, रेहड़ी दुकानदारों के परिवारों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया है, जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है।उन्होंने रमपुरवा समेत आसपास के क्षेत्रों में पूड़ी-सब्जी के पैकेट बनाकर वितरित कराए गए। श्री सिंह ने बताया कि लाकडाउन की अवधि में आगे भी ऐसे परिवारों के घरों तक भोजन पहुंचाने की भी व्यवस्था की जायेगी। यह व्यवस्था ऐसे लोगों के लिए खास तौर से है, जो यहां रहकर नौकरी करते हैं और होटल-ढाबों में खाना खाते हैं।
     उन्होंने यह भी बताया कि लाकडाउन से खास तौर से उस वर्ग के लिए पेट भरने का संकट आ गया है, जो रोज दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। रिक्शा-ठेला चालक, चाय-पान के छोटे दुकानदार, फेरी करने, फुटपाथ और रेहड़ी पर दुकान लगाने वाले हजारों परिवारों के समक्ष आमदनी का कोई जरिया न होने से घर में चूल्हा जल पाना मुश्किल हो गया है। ऐसे लोगों की मदद के लिए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की इस पहल की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य सक्षम लोगों और संस्थाओं को भी इस दिशा में आगे आने की अपील की है। इस दौरान धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि इलाके के असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों, असहायों गरीबों और निराश्रित वृद्धों की जरूरतों को ध्यान में रखकर उन्हें हर सुविधाएं देने को वह तत्पर है। इस भोजन वितरण कालोनी के  विपिन सिंह, चन्द्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय बीकेटी के प्रो डीके सिंह, शुभम सिंह, मनोज सिंह व अवधेश सिंह मौजूद थे।