अर्थशास्त्री, राजनेता के साथ समाज सुधारक भी थे बाबा साहब: डीसीपी

लखनऊ(सौम्य भारत)। भारत रत्न एवं भारतीय संविधान के शिल्पी डॉ बीआर अम्बेडकर बाबासाहेब के 129वीं जयंती पर डीसीपी उत्तरी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद उन्होंने बाबा साहब के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए उनके योगदानों के परिणामस्वरूप वर्तमान को बताया। इस अवसर डीसीपी नॉर्थ ने बताया कि बाबा साहब एक अर्थशास्त्री, राजनेता के साथ साथ समाज सुधारक भी थे। उन्होंने दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। वे भारत के संविधान के एक प्रमुख वास्तुकार थे। अम्बेडकर साहब ने महिलाओं और मजदूरों के अधिकारों की भी वकालत की। उन्होंने बताया कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में मान्यता प्राप्त, भारतीय गणराज्य की संपूर्ण अवधारणा के निर्माण में अम्बेडकर जी का योगदान बहुत बड़ा है,जिसे भुलाया नहीं जा सकता।