पर्यावरण हितैषी होली खेलकर करें अपने स्वास्थ्य की रक्षा : सुशील


- कैमिकल्स युक्त कलर न सिर्फ त्वचा व बालों बल्कि सेहत को भी पहुंचाते हैं नुकसान
लखनऊ। रंगों का त्योहार होली मनाने के लिए हर कोई इसकी तैयारी में जुटा है। एक तरफ होली मनाने की खुशी है तो वहीं दूसरी तरफ इस्तेमाल होने वाले रंगो को लेकर लोगों में चिंता भी है। होली में कैमिकल्स युक्त कलर न सिर्फ त्वचा व बालों बल्कि सेहत को भी नुकसान पहुंचाते हैं। होली सुख शांति, अच्छे धन-धान्य तथा समृद्ध जीवन की कामना। होली में भाषा, धर्म और संस्कृति के भेद और ऊँच-नीच की दीवारें टूट जाती हैं, लेकिन बदलते हालातों में होली की परम्परा अब उतनी खूबसूरत नहीं रह गई, जितनी पहले हुआ करती थी। होली पर रंगों का इस्तेमाल करने के लिए विज्ञान संचारक सुशील द्विवेदी ने बताया कि बाजारों में कई तरह के हर्बल रंग मिल रहे हैं, लेकिन इनकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में बाज़ार में मिलने वाली कैमिकल्स युक्त कलर के बजाए घर पर ही प्राकृतिक जडी-बूटियों और फूल पत्तियों को मिलाकर रंग तैयार कर इको फ्रेंडली होली खेलें। इससे न केवल पैसों को बल्कि एलर्जी व स्किन में होनी वाली परेशानी से भी बच सकते हैं।  
ऐसे बनाएं होली के सूखे रंग
होली के लिए सूखे हर्बल रंगों का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो चावल का आटा लेकर इसमें अपनी पसंद से खाने का रंग और 2 चम्मच पानी डालकर मिक्स कर लें। इसको धूप में सूखने दें और बाद में पीस लें। होली के लिए हर्बल कलर बन जाएगा।
जामुनी रंग
घर में जामुनी रंग बनाने के लिए चुंकदर का इस्तेमाल करें। सबसे पहले चुकंदर को अच्छे से धो कर पीस लें। अब इसको छानकर पानी में मिलाकर रख दें। कुछ समय के बाद पानी जामुनी रंग का हो जाएगा। इस रंग का इस्तेमाल होली खेलने के लिए किया जा सकता है। प्राकृतिक जामुनी रंग
घर में जामुनी रंग बनाने के लिए चुंकदर का इस्तेमाल करें। सबसे पहले चुकंदर को अच्छे से धो कर पीस लें। अब इसको छानकर पानी में मिलाकर रख दें। कुछ समय के बाद पानी जामुनी रंग का हो जाएगा। इस रंग का इस्तेमाल होली खेलने के लिए किया जा सकता है।
प्राकृतिक केसरिया रंग
केसरिया रंग के लिए पलाश या टेसू के फूलों का उपयोग करें। सबसे पहले फूलों को अच्छी तरह से सुखा लें। अब इसमें चिकना आटा मिलाएं। इसके बाद इसमें केसर की कुछ पत्तिया डालकर पेस्ट बनाएं। इस तरह कुछ ही समय में घर में ऑर्गेनिक केसरिया रंग तैयार हो जाएगा।
प्राकृतिक पीला रंग
हल्दी और बेसन को मिलाकर आप पीला रंग तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आप जितनी हल्दी लें, उसकी दोगुनी मात्रा में बेसन मिलाएं। इससे आप होली भी खेल पाएं और त्वचा में निखार भी आ जाएगा। इसके अलावा आप फूलों से भी पीला रंग बना सकते हैं। इसके लिए गेंदे या अमलताश के फूल को पानी में उबालकर रात भर छोड़ दें और सुबह उससे होली खेलें।
प्राकृतिक लाल रंग
लाल रंग के लिए आप लांल चंदन पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए के लिए 2 चम्मच चंदन पाउडर को एक लीटर पानी में मिलाकर उबाल लें। फिर इसमें जरूरतअनुसार पानी मिलाकर होली खेलें। लाल गुलाल की जगह आप चाहें तो लाल चंदन पाउडर में गुड़हल के फूल को सुखाकर व पीसकर मिलाएं। इससे गुलाल और भी लाल और खुशबूदार हो जाएगा।
प्राकृतिक गुलाबी रंग
कचनार के फूल को भी रात भर पानी में भिगो दें। सुबह तक इसका रंग गुलाबी व केसरिया हो जाएगा और फिर आप इसे होली के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्राकृतिक भूरा रंग
वैसे तो कत्था पान खाने में प्रयोग किया जाता है, पर आप इसे पानी में मिलाकर भूरा रंग बनाने मे भी इसतेमाल कर सकते हैं।
प्राकृतिक हरा रंग
आप मेहंदी से होली के लिए हरा रंग तैयार कर सकते हैं। इसके लिए मेहंदी में थोड़ा-सा आटा अच्छी तरह मिक्स करें। ध्यान रहे कि आपकी मेंहदी में आंवला न मिला हो।
प्राकृतिक काला रंग
काला रंग बनाने के लिए अंगूर का जूस निकाल लें। इस जूस को पानी में मिला लें। इस तरह काले अंगूरो से काला रंग आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा अाप एक लोहे के बर्तन में पानी में आंवले को भिगों कर काला रंग बना सकते हैं।
प्राकृतिक नारंगी रंग
नारंगी रंग बनाने के लिए 12 सबसे पहले प्याज लें और आधा लीटर पानी में उबाल लें। अब पानी को ठंड़ा होने के लिए छोड़ दें। इस तरह नारंगी रंग तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा टेसू के फूलों को रात भर पानी में भिगो कर रखने से पीला-नारंगी रंग बनाया जा सकता है।
प्राकृतिक नीला रंग
नीले रंग के लिए नील के पौधों पर निकलने वाली फलियों को पीस लें और पानी में उबालकर मिला लें। इसीतरह नीले गुड़हल के फूलों को सुखाकर पीसने से भी आप नीला रंग तैयार कर सकते हैं।