नियत साफ है तो व्यवस्था सुधार के लिए 70 साल कम नहीं होते : पूर्व आईएएस अधिकारी

- डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच का प्रांतीय अधिवेशन कैपिटल हॅाल में सम्पन्न
लखनऊ(सौम्य भारत)। डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच का प्रांतीय अधिवेशन शनिवार को कैपिटल हॅाल हुआ, जिसका उद्घाटन पूर्व आईएएस अधिकारी राम बहादुर ने किया। उन्होंने कहा कि नीयत साफ है तो व्यवस्था सुधार के लिए 70 साल कम नहीं होते हैं। पूर्व शिक्षा निदेशक अमृत प्रकाश ने कहा कि शिक्षा का बजट बढ़ा दें तो रक्षा का बजट स्वतः कम हो जायेगा। भारत को युद्ध नहीं बुद्ध की जरूरत हैं। धम्म प्रचारक केपी राहुल ने कहा कि भारत के बाहर भारत की पहचान बुद्ध की धरती के रूप में हैं। भारत के संविधान की बुनियाद बुद्ध के सिद्धान्तों पर रखी गई हैं। अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवन नाथ पासवान ने कहा कि सम्राट अशोक के राजतंत्र में लोकतंत्र था, लेकिन आज के लोकतंत्र मे कुलीनतंत्र की बू आ रही है। भारत का संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को गरिमापूर्ण जिंदगी जीने का अधिकार देता है, लेकिन भारत के शासक भारत के नागरिकों को जीवित रहने मात्र की सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के 117 देशो में भुखमरी इंडेक्स मे भारत 102वें पायदान पर खड़ा हैं। मंच के राष्ट्रीय महासचिव एसपी सिंह ने कहा कि बुद्ध बाबासाहेब को नकार कर भारत महाशक्ति नहीं बन सकता। इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधेश्याम राम, प्रदेश महासचिव मो हनीफ ख़ान, राम सजीवन, आशा राम सरोज, राम सिंह, नेम सिंह बहेलिया, डॉ जय प्रकाश, यशपाल दोहरे, महिला अध्यक्ष अंगूरी दहाडि़या, विश्व राजनी बौद्ध, शैलेष धानुक, राज किशोर, प्रवेश कुमार, डॉ अनिल कुमार, नील मणि नरसिंह राव, पीताम्बर प्रसाद, दीपक कुमार, सुरेन्द्र कुमार, संजय कुमार, दीपेष कुमार, डॉ पंकज पासी, बलबीर सिंह बौद्ध व अमर नाथ मौजूद थे।