लखनऊ(सौम्य भारत)। सत्ता सम्पत्ति व वैभव का अभिमान नही करना चाहिए। यह उदगार जानकीपुरम सेक्टर रूद्राणी पार्क में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में श्रीधाम वृंदावन से पधारे आचार्यश्री अमित कृष्ण जी महाराज ने चतुर्थ दिवस पर में कही।
उन्होंने बामन चरित्र श्री राम चरित्र एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव की बहुत ही सुंदर-मधुर झांकियों के माध्यम से दर्शन कराते हुए कथा श्रवण कराई।
आचार्य श्री ने गज और ग्राह की कथा श्रवण कराते हुए विदित कराया की हमें जीवन में सरल बनना चाहिए कितनी भी संपत्ति हो सत्ता ऐश्वर्य सौंदर्य हो, लेकिन कभी अहंकार का भाव नहीं रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि विपत्ति के समय धैर्य धर्म तथा मित्र और नारी की इन चारो परिक्षण हो जाता है कि हमारे विपत्ति का साथ सच्चा साथी कौन है। उन्होंने वामन अवतार की पावन कथा को श्रवण कराते बताया कि मनुष्य को कभी समय संपत्ति और शक्ति का दुरुपयोग एवंअभिमान नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह किसी का बर हमेशा साथ नहीं देती। राजा बलि को बहुत ही अहंकार था कि मैं देवताओं से विजय प्राप्त कर लेने से मैं त्रिलोकीनाथ बन गया हूं। इस दौरान
ब्राह्मण महसभा के अध्यक्ष एवं लम्भुआ विधायक सन्तोष पाण्डेय, आचार्य राजगुरु त्रिपाठी, आयोजककर्ता धीरज श्रीवास्तव व अखिलेश श्रीवास्तव मौजूद थे।
संपत्ति हो सत्ता ऐश्वर्य सौंदर्य हो पर अहंकार का भाव न हो : आचार्यश्री अमित जी महाराज