लखनऊ(सौम्य भारत)। रामकथा से जीवन जीने की कला प्राप्त होती है। यह बात रविवार को अखिल भारतीय श्री राम-नाम जागरण मंच के तत्वावधान में आयोजित
श्री राम कथा महोत्सव एवं पर्यावरण सुरक्षा यज्ञ में कथा व्यास श्री रमेश भाई शुक्ल ने कही। उन्होंने बताया कि जीवन में जब तक श्रद्धा एवं विश्वास दोनों का मिलन नहीं होता, तब तक भगवान की भक्ति प्राप्ति असंभव है।
उन्होंने कहा कि रामकथा से जीवन जीने की कला प्राप्त होती है। हमें कैसे जीना है। कैसे रहना है। पूरे समाज के साथ कैसे सामंजस्य स्थापित करना है। यह सब केवल श्री राम कथा से ही प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि राम कथा पंडाल दुनिया का चलता फिरता एक सार्वभौमिक विश्वविद्यालय है। जहां से आचरण एवं सदाचार की शिक्षा प्राप्त होती है। श्री राम कथा का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक डा नीरज बोरा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान पार्षद रुपाली गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. निर्मल शास्त्री, हरिओम पाण्डेय, बिन्दु बोरा, प्रदीप शुक्ला टिंकू, राकेश पांडे, अतुल मिश्रा, राजेश मिश्रा, अभिषेक प्रधान, अंकित अवस्थी, सतीश वर्मा, विवेक सिंह तोमर, शैलेन्द्र शर्मा अटल, आशुतोष सिंह, राजेंद्र प्रसाद शुक्ला, डीएस पाण्डेय, उमेश पाण्डेय व विनय शर्मा मौजूद थे।
रामकथा से जीवन जीने की कला प्राप्त होती है : कथा व्यास रमेश भाई शुक्ल