भगवान को निस्वार्थ प्रेम भक्ति वाले भक्त बहुत प्रिय लगते हैं : अमितकृष्ण जी महाराज


   लखनऊ(सौम्य भारत)। भगवान को निस्वार्थ प्रेम भक्ति वाले भक्त बहुत प्रिय लगते हैं। यह उधागार जानकीपुरम सेक्टर एच सेक्टर के रूद्राणी पार्क के श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में वृंदावन से पधारे परम पूज्य आचार्य श्री अमितकृष्ण जी महाराज ने कही। उन्होंने भागवत कथा के पाचवें दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाएं एवं माखन चोरी लीलाओ वर्णन किया। इसके बाद विभिन्न झांकियों के माध्यम से दर्शन कराते हुए कहा कि भगवान की बाल लीला बहुत ही सुंदर है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से छोटे से बालक के हृदय में कोई कपट छल नहीं होता है, वह निष्कपट होता है। उसके अंदर दोष भावना, काम व क्रोध नहीं होते हैं। उन्होंने बताया कि जो सहज है सरल तथा निष्कपट भाव से रहता है। जिसके घर में माता-पिता पूजा, गौ, ब्राहमण की पूजा साधु संतों का सम्मान होता है। वहां भगवान किसी न किसी रूप में हमेशा विराजते हैं। भगवान श्री कृष्ण माखन चुराते थे तोतली भाषा बोलते मैया यशोदा को बड़ा आनंद आता। उनकी इन लीलाओं को देखकर के गोपी ग्वाल बाल बहुत आनंदित होते थे। भगवान माखन की चोरी के निमित्त से यह बताना चाहते हैं कि जिनका हृदय मख्खन के समान द्रवित होता है। इस दौरान मुख्य आयोजक धीरज श्रीवास्तव, संगीता श्रीवास्तव, अखिलेश, अनीता व शुभम सहित अन्य लोगों ने भागवत कथा का आनंद लिया।