विधेयक के विरोध में इंटीग्रल विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने किया प्रदर्शन


लखनऊ(सौम्य भारत)। नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में इंटीग्रल विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने सोमवार को सड़क पर आ गए और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन की खबर मिलने पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचकर मामला शांत करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्र छात्राएं सड़क पर डटे रहे। इस दौरान पुलिस ने सड़क पर लाठियां फटकार कर छात्रों को विश्वविद्यालय भेजा गया। उधर बवाल बढ़ता देख जिलाधिकारी, एसएसपी, ट्रांस गोमती सहित कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर छात्र छात्राओं को शांत किया।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा व राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किया गया है, जो संविधान की धारा 14, 15 का उल्लंघन है। इस विधेयक में मात्र इस्लाम धर्म को मानने वाले मुसलामानों को छोड़कर अन्य सभी धर्म के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। जो संविधान की आत्मा के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि धर्म निरपेक्षता के विपरीत है। इसलिए नागरिकता संशोधन बिल वापस लिए जाने की मांग की। इंटीग्रल विश्वविद्यालय के अंदर हॉस्पिटल बना हुआ है जहां पर आम दिनों की तरह सोमवार को मरीजों का आना जाना लगा हुआ था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम कर दिया, जिससे मरीजों को भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कई बार प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी एकजुट होकर सड़क जाम कर दिये, जिससे मरीजों को आने जाने में भी असुविधा हुई। मामला बढ़ता देख पुलिस ने आसपास की दुकानों को बंद करा दिया। इस दौरान इंटीग्रल यूनिवर्सिटी 18 जनवरी तक बंद, रजिस्टार ने हॉस्टल खाली करने के भी जारी निर्देश, हॉस्टल खाली कर छात्रों को घर जाने के निर्देश, रजिस्ट्रार आईए खान ने जारी किया आदेश, सीएए के विरोध को लेकर फैसला किया, इंट्रीगल विवि बन्द किया गया।