पवित्र गीता हमारे जीवन का आधार है : अभय जी 


गीता जयंती महोत्सव एवं सामाजिक सद्द्भाव संगोष्ठी
लखनऊ (सौम्य भारत)। आलमबाग स्थित वीआईपी रोड पकरी पुल पर रविवार दोपहर लगभग 2 बजे विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी मोक्षदा एकादशी के शुभ अवसर पर विद्वान पंडितों द्वारा पवित्र धार्मिक ग्रन्थ गीता के 18 अध्यायों का पाठ कर हवन के उपरांत गीता जयंती का भव्य आयोजन हुआ । आयोजन में समाज के प्रबुद्ध लोगों , विभिन्न समुदाय व पन्थों के विद्वानों के साथ साथ हजारों स्थानीय लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और गीता के सन्देश को सुना व जाना। इस मौके पर महात्मा बुद्ध , सन्त गुरुनानक देव , दयानंद सरस्वती , भृषभ देव , आचार्य श्री राम शर्मा , प्रजापति ब्रम्हा , चैतन्या महाप्रभु , संत कबीरदास , संत रविदास , आदि गुरु शंकराचार्य आदि द्वारा धर्म साक्षेप तथा पंथ निरपेक्ष वैश्विक एकता व शांतिमय भारत की कल्पना हेतु सभी पूजा पद्धति के मुखिया व प्रतिनिधियों एवं जातीय संगठनों के विद्वानों व आचार्यों ने स्वातिवाचन कर गीता पर अपने अपने विचार रखे । आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र धर्मजागरण प्रमुख अभय जी बतौर मुख्य अतिथि व वक्ता  के रूप में मौजूद रहे । वहीं राष्ट्रधर्म के संपादक ओमप्रकाश पांडेय , श्रीराम चरित मानस जन कल्याण समिति के संरक्षक रामदत्त दीक्षित बतौर विशिष्ठ अतिथि मौजूद रहे । कार्यक्रम में पधारे विभिन्न समुदायों व पंथों के विद्वानों गीता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि गीता हमे जीना सिखाती है और गीता ही इकलौता ग्रंथ है जिसकी जयंती हम सब बड़े धूमधाम से मनाते है । इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य आयोजक पंडित राम शब्द पांडे व मुख्य कार्यकर्ता के रूप में मौजूद रहे इंद्रजीत पाण्डे व पारसनाथ उपाध्याय ने कार्यक्रम में पधारे अतिथियों को अंग वस्त्र व स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।