जातिगत आरक्षण हटाने की मांग को लेकर जनरक्षा पार्टी का जंतर मंतर पर प्रदर्शन


नई दिल्ली(सौम्य भारत)। जंतर मंतर पर जन रक्षा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। धरने का नेतृत्व जन रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश सिंह चौहान ( डीएस चौहान) ने कहा कि आज देश में जातिगत आरक्षण सामान्य वर्ग के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए अभिशाप है। वर्तमान जातिगत आरक्षण व्यवस्था से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग के लोगों के बीच  वैमनस्यता व भेदभाव की भावना और प्रबल होती जा रही है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले आजादी के बाद आरक्षण अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए 22:5 फ़ीसदी मात्र 10 वर्ष के लिए  लागू किया गया था, किंतु राजनीतिक दलों ने वोट बैंक के लालच में इसका कार्यकाल और बढ़ाते चले गए  हद तो तब हो गई जब वोट बैंक के लालच में  बीपी सिंह सरकार ने  मंडल कमीशन  लागू कर अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को 27 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण की व्यवस्था कर दी. उन्होंने बताया कि जिन अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिला उनकी संतानें तो और आगे बढ़ती गई और आरक्षण का लाभ लेती गई किंतु  ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश गरीब व साधन हीन अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चे आरक्षण का लाभ लेने में असमर्थ रहे क्योंकि वह पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर थे और आज भी साधन हीन हैं. श्री चौहान ने कहा हद तो तब हो गई जब वर्तमान भाजपा सरकार ने वोट बैंक के लालच में सवर्णों को आर्थिक आधार पर गरीब विद्यार्थियों को शैक्षणिक संस्थाओं व सरकारी नौकरियों में 10% का कोटा निर्धारित कर दिया जबकि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग को केवल जाति के आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था है वही सामान्य वर्ग के गरीबों को आर्थिक स्थिति आधार पर आरक्षण की व्यवस्था है जो अपने आप में स्वयं भेदभाव को स्पष्ट प्रकट करती है . उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण के चलते सामान्य वर्ग के प्रतिभाशाली  युवक युवतियां अच्छे अंक प्राप्त करने के बावजूद भी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पाने से वंचित रह जाते हैं तथा  ऊंची रैंक प्राप्त करने के बावजूद उन्हें सरकारी नौकरियों में स्थान नहीं मिल पाता है  जिसके चलते उनमें निराशा व कुंठा की भावना उत्पन्न हो रही है  ऐसे में अधिकांश युवक युवतियां नशे के शिकार हो जाते हैं  तथा आत्महत्या तक कर बैठते हैं . श्री चौहान ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा , ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि जातिगत आरक्षण खत्म कर आर्थिक स्थिति के आधार पर गरीबों को आरक्षण उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने ज्ञापन में लिखा कि यदि केंद्र सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं देती है तो वह पूरे देश में आरक्षण के खिलाफ धरना प्रदर्शन व आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी वर्तमान सरकार की होगी . धरना में शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से अजय शर्मा (प्रत्याशी नरेला विधानसभा क्षेत्र दिल्ली), महेंद्र सिंह, पवन डोगरा, रविंद्र बिष्ट विजय, जगबीर सिंह पिंटू हैदर अली, राकेश सिंह, सत्य प्रकाश मौर्य, मोहम्मद कैसर रजा, मोहम्मद नफीस, नरेंद्र जैन, विजय गुप्ता, सरोज झा, कार्तिकेय, जितेंद्र  राकेश राणा थे।