चुनौतियों को चुनौती देने का हमने कोई मौका नहीं छोड़ा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी


दूसरे दलों में भी अटल जी का बहुत मान सम्मान था : राजनाथ सिंह
लखनऊ(सौम्य भारत) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संशोधित नागरिकता कानून, रामजन्मभूमि मामला और अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी सरकार विरासत में मिली सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के समाधान का निरन्तर प्रयास कर रही है और उसने 'चुनौतियों को चुनौती' देने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'हमें विरासत में जो भी सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक समस्याएं और चुनौतियां मिली हैं, उनके समाधान की हम निरन्तर कोशिश कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 कितनी पुरानी बीमारी थी। कितनी कठिन लगती थी, मगर हमारा दायित्व था कि हम ऐसी कठिन चुनौतियों से पार पायें और यह आराम से हुआ... सबकी धारणाएं चूर-चूर हो गयीं। राम जन्मभूमि के इतने पुराने मामले का शांतिपूर्ण समाधान हुआ।'
मोदी ने कहा कि विभाजन के बाद लाखों गरीब लोग अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिये पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत की तरफ आने को मजबूर हो गये। उन्हें नागरिकता देने का रास्ता साफ किया गया। ऐसी अनेक समस्याओं का हल देश के 130 करोड़ भारतीयों ने निकाला है।
उन्होंने कहा कि अभी जो चुनौतियां बाकी हैं, उनके समाधान के लिये भी पूरे सामर्थ्य से साथ हर भारतवासी प्रयास कर रहा है। चाहे हर गरीब को घर देना हो या फिर हर घर जल पहुंचाना हो। कितनी भी बड़ी चुनौती हो, हम चुनौती को चुनौती देने के स्वभाव के साथ निकले हैं। प्रधानमंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा 'यूपी में कुछ लोगों ने विरोध प्रर्दान के नाम पर हिंसा की। वे खुद से सवाल पूछें कि क्या उनका यह रास्ता सही था? जो कुछ जलाया गया क्या वह उनके बच्चों के काम नहीं आने वाला था? हिंसा में जिन लोगों की मृत्यु हुई, जो लोग जख्मी हुए उनके परिवार पर क्या बीती होगी। मैं अफवाहों में आकर सरकारी सम्पत्ति को तोड़ने वालों से आग्रह करूंगा कि सार्वजनिक सम्पत्ति को बचाकर रखना उनका भी दायित्व है।'
इससे पहले, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर यहां पहुंचे मोदी ने लोकभवन परिसर में स्थित उनकी करीब 25 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया और पुष्पांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद के वर्षों में हमने सबसे ज्यादा जोर अधिकारों पर दिया है लेकिन अब हम आजादी के 75 साल पूरे होने की ओर बढ़ रहे हैं। समय की मांग है कि अब हम अपने कर्तव्यों पर भी उतना ही बल दें। सरकार का दायित्व है कि वह पांच साल नहीं बल्कि पांच पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए काम करने की आदत बनाये। उत्तर प्रदेश सरकार इस दायित्व को निभाने का भरपूर प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुशासन का एक ही मंत्र है, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। हमारा निरन्तर प्रयास रहा है कि सरकार से सत्ता सुख को निकालकर सेवा के संस्कार गढ़े जाएं। यह तभी सम्भव है जब आम आदमी के जीवन में सरकार का दखल कम से कम रखने की कोशिश हो। हमारा प्रयास है कि सरकार अटकाने, उलझाने के बजाय सुलझाने का माध्यम बने। आप अगर इस सरकार का मूल्यांकन करेंगे तो यही कोशिश हर कदम पर महसूस करेंगे।
हम सुशासन के उस दौर में बढ़ रहे हैं कि आपकों आवेदन करने की जरुरत ना पड़े, बल्कि सरकार खुद आकर आपसे पूछे कि कहीं कोई तकलीफ तो नहीं है।
मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं बल्कि समग्रता में देखना होगा। यह बात सरकार के लिये भी उतनी ही सत्य है और सुशासन के लिये भी यही उपयुक्त मानदंड है। सुशासन भी तब तक सम्भव नहीं, जब तक हम समस्याओं को सम्पूर्ण, समग्रता में न सोचेंगे और न सुलझाने का प्रयास करेंगे। मुझे संतोष है कि योगी सरकार भी समग्रता की इस सोच को साकार करने का भरसक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हम नये वर्ष और नये दशक में प्रवेश करने जा रहे हैं, ऐसे में हमें अटल जी की एक बात जरुर याद रखनी चाहिये। वह कहते थे कि भारत की प्रगति में हर पीढ़ी के योगदान का मूल्यांकन दो मानदंडों पर होगा। पहला, हमने खुद को विरासत में मिली कितनी समस्याओं को सुलझाया है और दूसरा, राष्ट्र के भावी विकास के लिये हमने अपने प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है। इन दोनों सवालों की रोशनी में हम कह सकते हैं कि भारत साल 2020 में अभूतपूर्व उपलब्धियों के साथ प्रवेश कर रहा है। मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनीवर्सिटी का जिक्र करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई को समग्रता और सम्पूर्णता देगा। साथ ही पाठ्यक्रम से लेकर परीक्षा तक इसमें एकसूत्रता, एकरूपता और स्वाभाविक एकात्म भाव होगा। यह विश्वविद्यालय मेडिकल, डेंटल, पैरामेडिकल, नर्सिंग और चिकित्सा से जुड़ी हर डिग्री को आगे बढ़ायेगा। इससे यूपी में मेडिकल की पढ़ाई की गुणवत्ता में और सुधार होगा। मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की कार्ययोजना के चार पहलू हैं। पहला प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, दूसरा अफोर्डेबल हेल्थकेयर, तीसरा सप्लाई साइड इंटरवेंशन और चौथा मिशन मोड इंटरवेंशन। यानी स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को मिशन मोड पर चलाना। बीमारियों पर होने वाले खर्च को बचाने का सबसे आसान तरीका है कि बीमार होने से ही बचा जाए। आम लोग स्वास्थ्य के प्रति जितने जागरूक होंगे, उनकी रोगरोधक क्षमता उतनी ही बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत के साथ—साथ योग भी एक तरह से मुफ्त हेल्थकेयर है। उज्ज्वला योजना, फिट इंडिया मूवमेंट भी प्रिवेंटिव हेल्थेकयर है। हर कोई दवाओं के साइड इफेक्ट से बचना चाहता है। इसमें आयुर्वेद बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है। प्रिवेंटिव हेल्थकेयर के लिये हम जितना बल देंगे, उतना ही स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये हमारी चिंताएं कम होती जाएंगी। जीवनशैली के कारण जो बीमारियां आती हैं उन्हें दूर करने में भी यह कारगर हो रही है। मोदी ने कहा कि आयुष्मान योजना से देश में 70 लाख से ज्यादा गरीबों का मुफ्त इलाज हो चुका है। अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की कुल आबादी से ज्यादा तो भारत में आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में ही 11 लाख लोगों ने इसका लाभ लिया है।
उन्होंने कहा कि जैसे—जैसे गरीबों को स्वास्थ्य सेवा मिल रही है, हेल्थेकयर की मांग भी बढ़ रही है। पिछले पांच वर्षों में रिकार्ड संख्या में मेडिकल सीटें बढ़ायी गयी हैं। इसी साल पूरे देश में 75 नये मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गयी है। यह हर तीन लोकसभा सीटों पर एक मेडिकल कॉलेज बनाने के हमारे विजन की दिशा में एक प्रयास है। इससे पहले लखनऊ से सांसद व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि सिर्फ प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को ही नहीं बल्कि अनेक लोगों को भरोसा था कि वाजपेयी एक दिन जरूर भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। दूसरे दलों में भी उनका बहुत मान—सम्मान था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वाजपेयी को याद करते हुए अपनी सरकार के कार्यों का जिक्र किया।